पंचांग एक प्रमुख हिंदू पंचांग विद्वानों द्वारा तैयार किया जाने वाला एक पुराना और महत्वपूर्ण पंचांग है। यह हिंदू धर्म के अनुसार समय, तिथि, नक्षत्र, चंद्रमा की स्थिति, ग्रहों की स्थिति, व्रत, त्योहार, मुहूर्त, राहु काल, गुलिक काल और अन्य महत्वपूर्ण ज्योतिषीय जानकारी प्रदान करता है।
माह : श्रावण मास
पक्ष: शुक्ल
तिथि : एकादशी
दिन : शनिवार
नक्षत्र : ज्येष्ठा 11:34 PM
सूर्योदय : 05:40 AM
सूर्यास्त : 07:14 PM
राहु काल: 09:03 AM – 10:45 AM
गुलिक काल: 05:40 AM – 07:22 AM
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(Aaj Ka Panchang in Hindi) पंचांग एक प्रमुख हिंदू पंचांग विद्वानों द्वारा तैयार किया जाने वाला एक पुराना और महत्वपूर्ण पंचांग है। यह हिंदू धर्म के अनुसार समय, तिथि, नक्षत्र, चंद्रमा की स्थिति, ग्रहों की स्थिति, व्रत, त्योहार, मुहूर्त, राहु काल, गुलिक काल और अन्य महत्वपूर्ण ज्योतिषीय जानकारी प्रदान करता है।
पंचांग हिंदी कैलेंडर का एक अंग होता है जिसमें साल के दिन, महीने और तिथियां दर्शाई जाती हैं। इसमें हिंदी महीनों के नाम, विवाह मुहूर्त, शुभ तिथियां, अमावस्या, पूर्णिमा, त्योहारों की तिथियां आदि शामिल होती हैं। इसके द्वारा धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों की तिथियों का अनुमान लगाने में सहायता मिलती है और विशेष मुहूर्तों का चयन किया जा सकता है।
धार्मिक पंचांग में दिन के शुभ-अशुभ समयों के बारे में भी बताया जाता है जिनका प्रयोग करके विभिन्न कार्यों को करने में शुभ फल मिलता है। पंचांग को ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है जिससे ग्रहों की चाल के अनुसार भविष्यफल का अनुमान लगाना संभव होता है।
सार्वजनिक त्योहारों, समारंभों, विवाहों, यात्राओं, आदि के लिए पंचांग का महत्वपूर्ण योगदान होता है, जो हिंदू संस्कृति के अटूट हिस्से को दर्शाता है।
पंचांग एक भारतीय सभ्यता का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है।
पंचांग का महत्वपूर्ण संबंध समय के साथ भारतीय संस्कृति और धरोहर से है। पंचांग भारतीय कैलेंडर का एक विशेष भाग है जो धार्मिक और सांस्कृतिक घटनाओं को निर्धारित करने के लिए प्रयोग होता है। इसमें सूर्य, चंद्र, नक्षत्र, तिथि, वार और योग की जानकारी दी जाती है जो लोगों को उनके दैनिक और पर्व पर्वतंत्र गतिविधियों के अनुसार जीवन व्यवस्था करने में मदद करता है।
पंचांग के अंतर्गत विशेष तिथियां, व्रत, त्योहार, मुहूर्त और धार्मिक आयोजनों के लिए शुभ समय दिया जाता है। यह लोगों को उचित समय पर पूजा, हवन, विवाह, गृह प्रवेश, नई शुरुआतें आदि करने की सलाह देता है। इससे संबंधित संज्ञान रखने से लोग नकारात्मक ऊर्जा से बचकर सकारात्मक ऊर्जा का सामर्थ्य प्राप्त कर सकते हैं और समृद्धि और शांति के साथ अपने जीवन को आनंदमय बना सकते हैं।
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