Ganesh Ji Ki Aarti in Hindi: Read and Learn Ganesh Ji Ki Aarti in Hindi with simple Hindi lyrics. Ganesh Ji Aarti begins from the wording Jai Ganesh Deva.
Lord Ganesh is worshiped before the start of any work or business. We always seek his good blessings.
Singing lord Ganesh is very beneficial to your mind and health. You should also recite Ganeshji’s aarti regularly and get the benefit of Ganpati’s grace. In any religious program, Ganeshji’s aarti is performed first with the family, you should also do it, it will keep the blessings of Ganeshji.
भगवान गणेश (Ganesh Ji)हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक है। गणेश जी को गणपति और विनायक के नाम से भी जाना जाता है। श्रीगणेश भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र और भगवान कार्तिकेय के भाई के हैं।
शिव पुराण के अनुसार, भगवान गणेश के दो बेटे हैं। जिनका नाम शुभ और लाभ है। शुभ और लाभ क्रमशः शुभकामनाएं और लाभ देने वाले हैं। शुभ देवी रिद्धि के पुत्र हैं और लाभ देवी सिद्धि के पुत्र हैं।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
माथे (मस्तक) पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।
(माथे पर सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी)
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
(हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा)
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया।
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की पूजा करने से बुद्धि, समृद्धि और शुभता बढ़ती है। भगवान गणेश हर काम को निर्विध्न सफल करते हैं।
गणेश जी (Ganesh Ji) की पूजा का प्रमुख त्योहार गणेश चतुर्थी है। जो हर साल अगस्त या सितंबर में आता है। इसके अलावा कुछ लोग हर महीने की चतुर्थी तिथि को भी गणेश जी की पूजा करते हैं क्योंकि श्रीगणेश इस तिथि के स्वामी है।
इनकी पूजा करने से दाम्पत्य जीवन में सुख और सौभाग्य आता है और घर में समृद्धि बढ़ती है। इन विशेष तिथियों और त्योहार के अलावा हर बुधवार को गणेश जी की पूजा और आरती करनी चाहिए। ऐसा करने से गणेश जी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
Ganesh Aarti in Hindi शुरू करने से पहले ये मंत्र बोलें –
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।
अर्थ – हे गणेश जी! आप महाकाय हैं। आपकी सूंड वक्र है। आपके शरीर से करोड़ों सूर्यो का तेज निकलता है। आपसे प्रार्थना है कि आप मेरे सारे कार्य निर्विध्न पूरे करें।
ऐसे करेंगे आरती (Ganesh Ji ki Aarti) तो मिलेगा ज्यादा फायदा
आरती शुरू करने से पहले 3 बार शंख बजाएं। शंख बजाते समय मुंह उपर की तरफ रखें। शंख को धीमे स्वर में शुरू करते हुए धीरे-धीरे बढ़ाएं। इसके बाद आरती शुरू करें। आरती करते हुए ताली बजाएं। घंटी एक लय में बजाएं और आरती भी सूर और लय का ध्यान रखते हुए गाएं।
इसके साथ ही झांझ, मझीरा, तबला, हारमोनियम आदी वाद्य यंत्र बजाएं। आरती गाते समय शुद्ध उच्चरण करें। आरती के लिए शुद्ध कपास यानी रूई से बनी घी की बत्ती होनी चाहिए। तेल की बत्ती का उपयोग करने से बचना चाहिए। कपूर आरती भी की जाती है। बत्तियाें की संख्या एक, पांच, नौ, ग्यारह या इक्किस हो सकती है। आरती घड़ी के कांटो की दिशा में लयबद्ध तरीके से करनी चाहिए।
Famous Names of Lord Ganesh
Lord Ganesh, also known as Ganesha, is a Hindu lord and worshiped and called the god of wisdom and beginnings. He is known by various names, each highlighting a different aspect of his personality and symbolism. Here are some of Lord Ganesh’s names:
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