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Number Jarooree Ya Bachcha-” नंबर जरूरी या बच्चा ?”

Number Jarooree Ya Bachcha

Number Jarooree Ya Bachcha: जीवन जी ने अपने बेटे के बारहवीं पास करने की खुशी मे एक बहुत बड़ी पार्टी रखी । अपने सभी मित्रो , रिश्तेदारो , अड़ोस पड़ोस के लोगो यहाँ तक की बेटे के मित्रो के परिवार वालों को भी बुलाया । सबको लग रहा था की जीवन जी के बेटे आयुष ने पूरे भारत नही तो कम से कम जिले मे उच्च स्थान प्राप्त किया होगा तभी इतनी बड़ी पार्टी दी है उन्होंने । सब लोग खाने पीने का मजा लेते हुए बतिया रहे थे कि तभी माइक हाथ मे लिए जीवन जी पत्नी मीरा और बेटे आयुष के साथ हॉल के बीचो बीच आये।

” मेरे सभी मित्रो और सम्बन्धियों आप लोग हमारी खुशी मे शामिल हुए उसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद । मुझे आप सबको ये बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मेरे पुत्र आयुष ने 60% अंको के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली है उसी की खुशी मे ये पार्टी दी गई है आप सभी मेरे पुत्र को अपना आशीर्वाद दीजियेगा !” जीवन जी ने कहा और माइक साइड रख खुद ही बेटे के स्वागत मे ताली बजाने लगे।

उनकी बात सुनकर हॉल मे खुसर पुसर शुरु हो गई। कोई जीवन जी को पागल बोल रहा था कोई सनकी। कोई उनके बेटे को भला बुरा बोल रहा था कि कैसा बेटा है सब सुविधाएं मिली फिर भी बस 60% नंबर लाया।

तभी जीवन जी के परम मित्र उनके पास आये और उनसे बोले। ” पागल है तू जो खुद का और बेटे का मजाक बनवा रहा है कोई 60% नंबर लाने पर ऐसे पार्टी देता है क्या । इसने तो तेरा नाम डुबो दिया इसे तो किसी अच्छे कॉलेज मे दाखिला भी नही मिलेगा और तू बजाय दुखी होने के खुशी मना रहा है !”

जीवन जी मित्र की बात सुन मुस्कुराये फिर उन्होंने जवाब देने से पहले माइक उठा लिया ” दोस्त मैं तुझे ही नही यहाँ मौजूद सभी लोगो को बता दूँ मुझे खुशी है मेरे बेटे ने बारहवीं पास कर ली कितने नंबर से की ये मेरे लिए मायने नही रखता।
वो बचपन से पढ़ाई मे कमजोर है ये कुछ लोग जानते है वैसे भी हर बच्चा एक सा नही होता हर बच्चा टॉपर नही होता। हमें तो उसके पास होने की उम्मीद ही नही थी फिर भी उसने मेहनत की और पास हुआ हमारे लिए यही बहुत है तो हम उसका उत्साह क्यो ना बढ़ाये। क्यो उसे नाम डुबोने का ताना दे और इससे होगा क्या उसका आत्मविश्वास डगमगाएगा कल को वो कुछ गलत भी कर सकता है अपने साथ तब क्या होगा ? हमारा बच्चा हमारे पास है भले कितने नंबर लाया पर मेहनत से पास हुआ है ये हमारे लिए खुशी की बात थी इसलिए हमने आप सबको अपनी खुशी मे बुलाया ….!!” जीवन जी बोले तो उनकी सोच देख सब लोग हैरान रह गये।

” पर क्या आयुष इतने नंबरो से अपना भविष्य बना पायेगा ?” किसी ने कहा।

” क्यो नही ..क्या सभी सफल इंसान टॉपर होते है । हर किसी की अपनी क्षमता होती है मेरे बेटे ने अपनी क्षमता से ज्यादा किया इसलिए मैं खुश हूँ …आयुष बेटा मुझे तुमपर गर्व है तुम निराश मत होना हम हर परिस्थिति मे तुम्हारे साथ है !” जीवन जी बोले। आयुष भरी आँखों से पिता के गले लग गया।

दोस्तो हर बच्चा 99% नही ला सकता सबकी अपनी क्षमता होती है। अपने बच्चे को मेहनत के लिए प्रेरित कीजिये पर नंबरो की दौड़ मे उनकी तुलना दुसरो से कर उनका आत्मविश्वास मत छिनिये क्योकि आत्मविश्वास ना रहने से कुछ बच्चे निराशा की दलदल मे जा खुद का अहित कर लेते है ।

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