Benefits of Flax Seeds (अलसी बीज के फायदे)

Benefits of Flax Seeds: आप अलसी का उपयोग करके , अनेक रोगों की रोकथाम कर सकते हैं, अपने परिवार को स्वस्थ बना सकते हैं।

अलसी के प्रयोग से सांस, गला, कंठ, कफ, पाचनतंत्र विकार सहित घाव, कुष्ठ आदि रोगों में लाभ लिया जा सकता है।

Benefits and Uses of Flax seeds

1. Treat Insomnia(नींद ना आने की बीमारी में अलसी बहुत लाभकारी )

नींद ना आने की बीमारी में अलसी का सेवन फायदेमंद होता है। इसके लिए अलसी, तथा एरंड तेल को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर, कांसे की थाली में अच्छे से पीस लें। इसे आंखों में काजल की तरह लगाने से नींद अच्छी आती है।

2. Treat Eye Disease (अलसी के फायदे आंखों के रोग में)

अलसी के गुण आँख संबंधी बीमारियों में बहुत फायदेमंद होता है। आंखों की बीमारी, जैसे- आंख आना, आंखों की लालिमा खत्म होने आदि को ठीक करने के लिए अलसी के बीजों को पानी में फूला लें। इस पानी को आंखों में डालें। इससे आंख आने की परेशानी में फायदा होता है।

3. Treat Pain and Inflammation (अलसी के इस्तेमाल से दर्द और सूजन में लाभ)

अलसी के इस्तेमाल से दर्द, और सूजन में भी बहुत फायदा होता है। इसमें अलसी से बनाई हुई गीली दवा बहुत काम करती है। एक भाग कुटी हुई अलसी को, 4 भाग उबलते हुए पानी में डालकर धीरे-धीरे मिलाएं। यह गीली होनी चाहिए, लेकिन बहुत गाढ़ा नहीं होना चाहिए। इसे दर्द, या सूजन वाले अंग पर तेल की तरह चुपड़ कर लगाएं। इसके प्रयोग से सूजन, और दर्द दूर होती है।

4. Treat Ear Inflammation (कान की सूजन को ठीक करने में)

कान की सूजन को ठीक करने के लिए अलसी के गुण उपचार स्वरुप बहुत काम आते हैं। इसके लिए अलसी को प्याज के रस में पकाकर, छान लें। इसे 1-2 बूंद कान में डालें। इससे कान की सूजन ठीक हो जाती है।

5. Benefits of Flax Seeds in Burning Problem (आग से जलने पर अलसी का प्रयोग)

शुद्ध अलसी का तेल, और चूने का निथरा हुआ जल को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर अच्छी प्रकार मिला लें। यह सफेद मलहम जैसा हो जाता है। अंग्रेजी में इसे Carron oil कहते हैं। इसको आग से जले हुए स्थान पर लगाएं। इससे तुरंत आग से जले हुए घाव का दर्द ठीक हो जाता है। रोज 1 या दो बार लेप करते रहने से घाव ठीक होता है।

अलसी के फायदे खांसी और दमा में (Benefits of Flax seeds in Fighting with Cough and Asthma in Hindi)

  • मौसम के बदलाव के समय खांसी और दमे से अगर बार-बार परेशान रहते हैं तो इसका सही तरह से प्रयोग कर अलसी के लाभ से पूरा फायदा उठा सकते हैं।
  • अलसी के बीज खाने के फायदे (alsi ke beej ke fayde) खांसी और दमा रोग में भी मिलते हैं। अलसी के बीजों से काढ़ा बना लें। इसे सुबह और शाम पीने से खांसी, और अस्थमा में लाभ होता है। ठंड के दिनों में मधु, तथा गर्मी में मिश्री मिलाकर सेवन करना चाहिए।
  • इसी तरह 3 ग्राम अलसी के चूर्ण को, 250 मिली उबले हुए पानी में डालें। इसे 1 घण्टे तक छोड़ दें। इसमें थोड़ी चीनी मिलाकर सेवन करें। इससे सूखी खांसी तथा अस्थमा में लाभ होता है।
  • इसके अलावा, 5 ग्राम अलसी के बीजों (agase beeja) को 50 मिली पानी में भिगोकर रखें। 12 घंटे बाद छानकर पानी को पी लें। सुबह भिगोआ हुआ पानी शाम को, और शाम को भिगोया हुआ पानी सुबह को पिएं। इस पानी के सेवन से खांसी, और दमा में फायदा होता है। इस दौरान ऐसा कुछ नहीं खाना, या पीना चाहिए, जो बीमारी को बढ़ाने वाला हो।
  • आप खांसी, या दमा के इलाज के लिए 5 ग्राम अलसी के बीजों को कूटकर छान लें। इसे जल में उबाल लें। इसमें 20 ग्राम मिश्री मिला लें। यदि ठंड का मौसम हो तो मिश्री के स्थान पर शहद मिलाएं। इसे सुबह और शाम सेवन करें। इससे खांसी, और अस्थमा में लाभ होता है।
  • आप खांसी, और दमा के उपचार के लिए यह तरीका भी आजमा सकते हैं। 3 ग्राम अलसी के बीजों को मोटा कूट लें। इसे 250 मिली उबलते हुए पानी में भिगो दें। इसे एक घंटा ढक कर रख दें। इसे छानकर, थोड़ी चीनी मिला लें। इसका सेवन करने से भी सूखी खांसी, और दमा की बीमारी ठीक हो जाती है।
  • इसके अलावा, अलसी के बीजों (alsi ke beej) को भूनकर शहद, या मिश्री के साथ चाटें। इससे खांसी, और दमा का इलाज होता है।
  • अलसी के औषधीय गुण से खांसी को ठीक किया जा सकता है। आप तीसी के भूने बीज से 2-3 ग्राम चूर्ण बना लें। इसमें मधु, या मिश्री मिलाकर सुबह और शाम सेवन करें। इससे खांसी ठीक हो जाती है।