माह : श्रावण मास
पक्ष: शुक्ल
तिथि : षष्ठी
दिन : सोमवार
नक्षत्र : हस्त 10:12 PM
सूर्योदय : 05:37 AM
सूर्यास्त : 07:17 PM
राहु काल: 07:20 AM – 09:02 AM
गुलिक काल: 07:20 AM – 09:02 AM
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(Aaj Ka Panchang in Hindi) पंचांग एक प्रमुख हिंदू पंचांग विद्वानों द्वारा तैयार किया जाने वाला एक पुराना और महत्वपूर्ण पंचांग है। यह हिंदू धर्म के अनुसार समय, तिथि, नक्षत्र, चंद्रमा की स्थिति, ग्रहों की स्थिति, व्रत, त्योहार, मुहूर्त, राहु काल, गुलिक काल और अन्य महत्वपूर्ण ज्योतिषीय जानकारी प्रदान करता है।
पंचांग हिंदी कैलेंडर का एक अंग होता है जिसमें साल के दिन, महीने और तिथियां दर्शाई जाती हैं। इसमें हिंदी महीनों के नाम, विवाह मुहूर्त, शुभ तिथियां, अमावस्या, पूर्णिमा, त्योहारों की तिथियां आदि शामिल होती हैं। इसके द्वारा धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों की तिथियों का अनुमान लगाने में सहायता मिलती है और विशेष मुहूर्तों का चयन किया जा सकता है।
धार्मिक पंचांग में दिन के शुभ-अशुभ समयों के बारे में भी बताया जाता है जिनका प्रयोग करके विभिन्न कार्यों को करने में शुभ फल मिलता है। पंचांग को ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है जिससे ग्रहों की चाल के अनुसार भविष्यफल का अनुमान लगाना संभव होता है।
सार्वजनिक त्योहारों, समारंभों, विवाहों, यात्राओं, आदि के लिए पंचांग का महत्वपूर्ण योगदान होता है, जो हिंदू संस्कृति के अटूट हिस्से को दर्शाता है।
पंचांग एक भारतीय सभ्यता का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। पंचांग का महत्वपूर्ण संबंध समय के साथ भारतीय संस्कृति और धरोहर से है। पंचांग भारतीय कैलेंडर का एक विशेष भाग है जो धार्मिक और सांस्कृतिक घटनाओं को निर्धारित करने के लिए प्रयोग होता है। इसमें सूर्य, चंद्र, नक्षत्र, तिथि, वार और योग की जानकारी दी जाती है जो लोगों को उनके दैनिक और पर्व पर्वतंत्र गतिविधियों के अनुसार जीवन व्यवस्था करने में मदद करता है।
पंचांग के अंतर्गत विशेष तिथियां, व्रत, त्योहार, मुहूर्त और धार्मिक आयोजनों के लिए शुभ समय दिया जाता है। यह लोगों को उचित समय पर पूजा, हवन, विवाह, गृह प्रवेश, नई शुरुआतें आदि करने की सलाह देता है। इससे संबंधित संज्ञान रखने से लोग नकारात्मक ऊर्जा से बचकर सकारात्मक ऊर्जा का सामर्थ्य प्राप्त कर सकते हैं और समृद्धि और शांति के साथ अपने जीवन को आनंदमय बना सकते हैं।
पंचांग विविध भाषाओं और राज्यों में उपलब्ध है और इसे रोज़ाना धार्मिक संदर्भों में देखने का एक अभियांत्रिकी भूमिका है। यह भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर में से एक है जो समय, आदर्श और परंपरागत विधियों को समर्थित करता है। पंचांग लोगों को भविष्यवाणी करने वाला नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य उन्हें धार्मिक और सांस्कृतिक क्रियाओं में एकजुट होने में सहायता करना है।
The word “Panchang” (Aaj Ka Panchang) is derived from two Sanskrit words: “Panch,” which means “five,” and “Ang,” which means “limb.” Thus, Panchang consists of five main elements:Tithi: It refers to the lunar day of the month and is crucial for determining auspicious and inauspicious times.
Nakshatra: This element indicates the position of the moon in one of the 27 constellations or lunar mansions.
Yoga: Yoga represents the angular relationship between the sun and the moon and is associated with specific planetary combinations.
Karana: It is half of a Tithi and plays a role in determining the nature of activities undertaken during the day.
Vaar/Din: This denotes the day of the week, and each day is associated with different deities.
The Panchang also includes additional information such as the sunrise, sunset, moonrise, moonset, Rahu Kaal, and Gulika Kaal, which are considered inauspicious periods during the day.
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