इसी के साथ यान अपनी यात्रा के सबसे कठिन चरण में प्रवेश करेगा। इस दौरान लैंडर का वेग कम हो जाएगा और यान चंद्रमा पर लगभग 25 किलोमीटर की दूरी से उतरना शुरू करेगा। चंद्रयान लैंडर विक्रम रोवर प्रज्ञान के साथ चंद्रमा पर सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा माने जाने वाले दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा।
कई प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकेगा लाइव
चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग का हर कोई साक्षी बनना चाहता है। इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो) ने खास तैयारी की है। वैज्ञानिक आश्वस्त हैं कि इसरो का यह मिशन सफल होगा। चंद्रयान-3 की लैंडिंग को कई प्लेटफॉर्म पर लाइव देखा जा सकेगा।
17:27 बजे शुरू होगा लाइव प्रसारण (Chandrayaan-3 Live Telecast)
चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग का लाइव प्रसारण बुधवार शाम 17:27 बजे शुरू होगा। इसरो अपने केंद्र से शाम को इस घटनाक्रम का सीधा प्रसारण करेगा। इसरो की वेबसाइट isro.gov.in पर लोग इसे सीधे देख सकेंगे। इसके साथ ही यू-ट्यूब पर भी इसके प्रसारण को देखा जा सकेगा।
नेहरू तारामंडल में लगाई गईं दो बड़ी स्क्रीन
मून मिशन के महत्व और इससे जुड़ी कई दिलचस्प जानकारियां लोग आज नेहरू तारामंडल में प्राप्त कर सकते हैं। यहां भी इसरो की लाइव फीड को दो बड़ी स्क्रीन पर दिखाने की व्यवस्था की गई है। तारामंडल में आधे घंटे का मून शो दिखाया जा रहा है, जिसमें चंद्रमा विज्ञान, और चंद्रमा पर अन्य अंतरिक्ष मिशन के बारे में जानकारी दी जा रही है।
इसमें चंद्रयान 2 के लैंडिंग के बारे में भी बताया जा रहा है। आम जनता के लिए मून शो सुबह 11 बजे से शुरू हो गया है। इसे दोपहर 1 बजे, दोपहर 3 बजे, शाम 5 बजे और शाम 6 बजे दिखाया जाएगा। यह एक 2डी शो है। दोपहर 12 बजे, दोपहर 2 बजे और शाम 4 बजे 3डी शो दिखाया जाएगा।
तारामंडल के कर्मचारी दिन भर लगातार मीडिया और आम जनता को उनके सवालों का जवाब देंगे। तारामंडल इसरो के लाइव फीड के साथ चंद्रयान 3 की लैंडिंग की लाइव स्ट्रीमिंग दिखाएगा। लाइव फीड तारामंडल के गैलरी क्षेत्र में दो एलईडी स्क्रीन पर चलेगी और तारामंडल थियेटर के अंदर प्रोजेक्टर के माध्यम से वास्तविक लैंडिंग से आधे घंटे पहले चलेगी।
इतिहास रचेगा भारत
उल्लेखनीय है कि भारत चंद्रयान-3 की मदद से दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश और चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा। जैसे ही चंद्रमा पर दिन का उजाला होगा, चंद्रयान 3 लैंडर कैमरे, सेंसर और ऊंचाई मापने वाले अल्टीमीटर और वेग मापने वाले डॉपलर की मदद से चंद्रमा की सतह पर पहुंच जाएगा। सुरक्षित लैंडिंग पर, विक्रम लैंडर का सौर पैनल खुल जाएगा और प्रज्ञान रोवर के एक रैंप नीचे आ जाएगा। छह पहियों वाला प्रज्ञान साहसपूर्वक हमारे राष्ट्रीय तिरंगे और इसरो की ताकत को पूरी दुनिया के सामने प्रदर्शित कर इतिहास रचेगा।
सूर्य की किरणें चंद्रमा पर 14 दिनों तक उपलब्ध रहेंगी और सौर ऊर्जा से संचालित लैंडर और रोवर थर्मल गुणों, वायुमंडल, रासायनिक संरचना, भूकंपीय माप और चंद्र परत की संरचना पर वैज्ञानिक डेटा भेजेंगे। विक्रम के पास तीन पेलोड और रोवर के पास दो पेलोड हैं। वहीं चंद्रयान 2 ऑर्बिटर विक्रम लैंडर से प्राप्त डेटा को बेंगलुरु में इसरो कमांड सेंटर में रिले किया जाएगा।
A raging wildfires in Los Angeles claims 10 lives and forces mass evacuations. Stay informed… Read More
Aaj Ka Panchang: आज पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि तथा दिन शुक्रवार… Read More
Read Santoshi Maa Aarti in Hindi and discover simple lyrics for children to learn and… Read More
Milan Day Matka Open Result Time: मिलन डे मटका ओपन का रिजल्ट 3:10 PM पर… Read More
Milan Morning Chart Result Result Time: मिलन मॉर्निंग चार्ट का रिजल्ट 10:15 AM पर आता… Read More