Know the importance of Akshaya Tritiya, Puja Vidhi, Shubh Muhurat of Puja. why we celebrate akshaya tritiya?
Akshaya Tritiya 2020: क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया, इसका धार्मिक महत्व और मान्यताएं क्या हैं?
अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल ये त्यौहार 26 अप्रैल, रविवार को मनाया जायेगा। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना किसी पंचाग को देख कर किया जा सकता है। यही कारण है कि लोग अपने घरो में विवाह, पूजा पाठ, गृह प्रवेश, और व्यापार के लिए इसी दिन को ही चुनते हैं।
अक्षय तृतीया से जुड़ी प्रसिद्ध मान्यताएं-
-अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम भगवान का जन्म हुआ था।
– अक्षय तृतीया पर मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था।
– अक्षय तृतीया के दिन से वेद व्यास जी ने महाभारत ग्रंथ लिखना आरंभ किया।
– बदरीनाथ धाम के कपाट भी अक्षय तृतीया के दिन ही खोले जाते हैं।
– सतयुग और त्रेता युग का आरम्भ हुआ था।
– महाभारत युद्ध का समापन।
-वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी जी मन्दिर में भी केवल इसी दिन श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं, अन्यथा वे पूरे वर्ष वस्त्रों से ढके रहते हैं।
– भगवान् विष्णु के अवतार नर-नारायण और हयग्रीवा का अवतरण
अक्षय तृतीया का मुहूर्त-
तृतीया तिथि प्रारंभ: 11:50 बजे (25 अप्रैल 2020)
तृतीया तिथि समापन: 13:21 बजे (26 अप्रैल 2020)
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करे पूजा
अक्षय तृतीया के दिन घर के सभी स्वर्ण आभूषणों को कच्चे दूध और गंगा जल से धोने के बाद, उन्हें एक लाल कपडे में रखकर केसर और कुमकुम से उनका पूजन करते समय उन पर लाल फूल भी चढ़ाये।
ऐसा करने के बाद महालक्मी के मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: मंत्र का जाप कमल गट्टे की माला से एक बार करें।
इसके बाद माँ लक्ष्मी की आरती करें और शाम को इन आभूषणों को अपने तिज़ोरी में रख दें।