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Ganga Avtaran Ki Katha: गंगा अवतरण की कथा

Ganga Ji

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गंगा अवतरण कथा (Ganga Avtaran Katha): पौराणिक कथा के अनुसार, कपिल मुनि के श्राप से महाराज सगर के 60 हजार पुत्र भस्म हो गए थे. उन लोगों ने कपिल मुनि पर यज्ञ का घोड़ा चोरी करने का आरोप लगाया था. अब समस्या यह थी कि महाराज सगर के उन सभी पुत्रों का उद्धार कैसे हो? तब महाराज दिलीप के पुत्र भगीरथ ने उनके उद्धार के लिए कठिन तपस्या करके ब्रह्म देव को प्रसन्न किया.

ब्रह्म देव ने भगीरथ से वरदान मांगने के लिए कहा, तो उन्होंने मां गंगा (Ganga) को पृथ्वी पर लाने की बात कही. तब ब्रह्मा जी ने उनसे कहा कि गंगा का वेग अधिक है, क्या पृथ्वी उसके वेग और भार को सहन कर सकती हैं? उनके वेग और भार को स​हन करने की क्षमता सिर्फ भगवान शिव में है. तुम भगवान शिव को इसके लिए प्रसन्न करो.

ब्रह्म देव की आज्ञा पाकर भगीरथ ने अपने कठोर तप से भगवान शिव को प्रसन्न कर दिया और उनसे अपनी जटाओं में मां गंगा को अवतरित होने का वरदान मांगा. भगवान शिव मान गए. ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से गंगा को शिव जी की जटाओं में छोड़ दिया. तब भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में बांध लिया, लेकिन गंगा जटाओं से बाहर नहीं निकल पाईं.

गंगा जी की आरती | Ganga Ji ki aarti

Om Jay Gange Mata, Shri Jay Gange Mata
Jo Nar Tumko Dhyata Manwanchhit Fal Pata
Om Jay Gange Mata

Chandra Si Jyoti Tumhari Jal Nirmal Aata
Sharan Pade Jo Teri, So Nar Tar Jata
Om Jay Gange Mata

Putra Sagar Ke Tare Sab Jag Ko Dnyata
Kripa Drushti Tumhari, Tribhuvan Sukh Data
Om Jay Gange माता
Ek Hi Baar Jo Teri Sharanagati Aata
Yam Ki Traas Mitakar Param Gati Paata
Om Jay Gange Mata

Aarati Matu Tumhari Jo Jan Nit Gata
Daas Wahi Sahaj Me Mukti Ko Paata
Om Jay Gange Mata

Om Jay Gange Mata, Shri Jay Gange Mata
Jo Nar Tumko Dhyata Manwanchhit Fal Pata
Om Jay Gange Mata

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Ganga Ji ki aarti in Hindi

ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।

जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥

चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।

शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता ॥

ॐ जय गंगे माता …

पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।

कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॥

ॐ जय गंगे माता …

एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता ।

यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता ॥

ॐ जय गंगे माता …

आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता ।

दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता ॥

ॐ जय गंगे माता …

Ganga Ji, also known as the Shree Ganges, is one of India’s most holy rivers, holding immense spiritual and cultural significance. Flowing through northern India, it originates from the Gangotri Glacier in the Himalayas and traverses over 2,500 kilometers before emptying into the Bay of Bengal.

Considered a goddess in Hinduism, Ganga is worshipped as a purifier and bestower of blessings. The river has been intertwined with Indian civilization for millennia, playing a pivotal role in its cultural, economic, and social fabric. The ganga ghats (steps leading to the river) in cities like Varanasi and Haridwar are pilgrimage sites, where people gather to perform rituals, take holy dips, and release the ashes of the deceased.

Ganga Ji’s significance transcends religion; it’s a source of life for millions and a symbol of India’s rich heritage. Its history, cultural importance, and the ongoing efforts to preserve its purity make it a river that holds both spiritual and practical value for the nation.

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