शायद ही किसी ने सपने में भी सोचा होगा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच बाइलेटरल सीरीज का आखिरी मुकाबला इस हद तक पहुंच जाएगा. वो सीरीज, जिसका फैसला शुरुआती 2 मैचों में ही हो गया था, उसका आखिरी मैच इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार डबल सुपर ओवर का गवाह बनेगा.
बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में ये इतिहास बना, जहां भारत और अफगानिस्तान ने जबरदस्त टी20 क्रिकेट का नजारा पेश किया. टीम इंडिया ने ये मुकाबला आखिरकार अपने नाम किया लेकिन इसके साथ ही एक बवाल भी वो गया- क्या अफगानिस्तान के साथ धोखा हुआ? क्या रोहित शर्मा को दूसरे सुपर ओवर में बैटिंग का मौका मिलना चाहिए था?
बुधवार 17 जनवरी को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए इस मैच में भारत ने पहले बैटिंग की और 212 रन बनाए. रोहित शर्मा ने 5वां शतक जमाया. अफगानिस्तान ने भी जबरदस्त जवाब दिया और आखिरी गेंद पर स्कोर को टाई करवा दिया. इसके बाद मैच सुपर ओवर में गया. यहां अफगानिस्तान ने पहले बैटिंग की और 16 रन बनाए. टीम इंडिया के लिए रोहित के साथ यशस्वी जायसवाल बैटिंग के लिए आए. इसके बाद जो हुआ, वो ही बवाल की वजह है.
सुपर ओवर में क्या हुआ?
रोहित और यशस्वी ने सुपर ओवर की 5 गेंदों तक एक साथ बैटिंग की और 15 रन बना लिए थे. आखिरी गेंद पर भारत को 2 रन चाहिए थे. ऐसे में नॉन स्ट्राइक पर मौजूद रोहित ने अचानक रिटायर होने का फैसला किया और रिंकू सिंह को बुलाया गया. रोहित ने शायद ऐसा इसलिए किया ताकि ज्यादा फिट रिंकू 2 रन दौड़ सकें. हालांकि ऐसा हुआ नहीं और जायसवाल-रिंकू सिर्फ 1 रन ले सके. इस तरह सुपर ओवर भी टाई हो गया.
अब नियमों के मुताबिक, एक और सुपर ओवर होना था और इस बार पहले बैटिंग टीम इंडिया को करनी थी. भारत के लिए इस बार रिंकू सिंह बैटिंग के लिए आए लेकिन उनके साथ फिर से रोहित शर्मा उतरे. रोहित ने 3 गेंदों के अंदर 11 रन बना दिए लेकिन अगली 2 गेंदों पर भारत के 2 विकेट गिर गए. इसके बाद रवि बिश्नोई ने सिर्फ 1 रन देकर 2 विकेट लिए और टीम इंडिया ये मैच जीत गई. भारतीय टीम मैच तो जीत गई लेकिन सवाल उठ गया कि रोहित शर्मा को दोबारा बैटिंग क्यों मिली?
रिटायर होने के क्या हैं नियम?
असल में क्रिकेट के नियमों के मुताबिक, कोई भी बल्लेबाज अगर बीमार या चोटिल होता है तो वो पारी के बीच से रिटायर हो सकता है. बल्लेबाज को ‘रिटायर्ड हर्ट’ माना जाता है. फिर अगर वो चाहे तो दोबारा बल्लेबाजी के लिए आ सकता है. लेकिन अगल बल्लेबाज बिना किसी चोट या बीमारी के खुद ही पारी को बीच में छोड़कर जाता है तो उसे दोबारा बैटिंग की इजाजत नहीं मिलती. अगर उसे ऐसा करना है तो विपक्षी कप्तान की सहमति से ही ऐसा हो सकता है, नहीं तो उसे रिटायर्ड आउट माना जाता है.
सुपर ओवर में दोबारा मिलती है बैटिंग?
जहां तक सुपर ओवर का नियम है तो इसमें साफ है कि अगर कोई बल्लेबाज एक सुपर ओवर में आउट हो गया तो वो अगले सुपर ओवर में बैटिंग नहीं कर सकता. जैसा कि एक सुपर ओवर में बॉलिंग के बाद वही गेंदबाज अगले सुपर ओवर में बॉलिंग नहीं कर सकता. जहां तक रोहित की बात है तो रोहित को न तो कोई चोट लगी थी और न ही वो किसी तरह से बीमार हुए थे, जिससे उन्हें रिटायर्ड हर्ट समझा जाता और वो दोबारा बैटिंग करने के लिए उतर पाते.
रोहित रिटायर्ड हर्ट या रिटायर्ड आउट
अब क्या वो रिटायर्ड आउट हुए थे? इसके बारे में कोई भी जानकारी अंपायरों की ओर से नहीं दी गई. मैच के बाद टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ ने जरूर कहा कि रोहित रिटायर्ड आउट हुए थे और उन्होंने ऐसा करके अश्विन का अंदाज अपनाया. अब अगर कोच द्रविड़ कह रहे हैं कि रोहित रिटायर्ड आउट थे तो उन्हें बैटिंग के लिए दोबारा क्यों भेजा गया? ये साफ तौर पर क्रिकेट के कानून का उल्लंघन है.
क्या टीम इंडिया ने अफगानिस्तान के कप्तान से इस बारे में बात की? टीवी पर तो ऐसा कुछ दिखा नहीं, साथ ही अफगानिस्तान के कोच जॉनाथन ट्रॉट ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले पर पूछे गए सवाल के जवाब में ऐसी किसी भी जानकारी से इनकार कर दिया.
ऐसे में सवाल अंपायरों पर उठता है कि कैसे उन्होंने इतनी बड़ी गलती कर दी? क्या अंपायरों को भी नियमों और प्लेइंग कंडीशंस के बारे में नहीं पता था? अगर वो इससे अनजान थे तो ये उनकी काबिलियत पर सवाल खड़े करता है. आखिर में जो भी वजह हो, लगता तो यही है कि अफगानिस्तान के साथ धोखा हुआ.