Health Tips: लेप्रोस्कोपिक सर्जन एवं हर्निया (Hernia) स्पेशलिस्ट डा. विशाल जैन का कहना है कि हर्निया में पेट की मांसपेशियों के किसी हिस्से में कमजोरी आने की वजह से वहां से पेट के अंदर के अंग (सामान्यतः आंतें) बाहर आ जाती हैं और उस हिस्से में गुब्बारे जैसी सूजन बना देती हैं।
हर्निया के कई प्रकार होते हैं
इनग्वायनल हर्निया (जांघ के पास सूजन या फूलना), अंबिलिकल हर्निया (नाभि का बाहर आना), वेंट्रल हर्निया, इंसीजनल हर्निया, एपिग्रेस्टिक हर्निया आदि। हर्निया के इलाज में आपरेशन ही समाधान है। कोई भी दवाई या जड़ी-बूटियां इसमें कारगर नहीं हैं। आपरेशन में विलंब इसकी जटिलताओं को और बढ़ा देता है, जो कि घातक साबित हो सकता है। जैसे ही इस बीमारी के बारे में मरीज को जरा भी संदेह हो, यथाशीघ्र योग्य सर्जन को दिखाकर आपरेशन करवा लेना चाहिए।
दो प्रकार के होते हैं आपरेशन
आजकल लगभग सभी मरीजों में (बच्चों को छोड़कर) जाली (मेश) वाले आपरेशन प्रचलन में हैं। मेश आपरेशन भी दो प्रकार से किया जाता है- एक पारंपरिक विधि चीरा लगाकर एवं दूसरी अत्याधुनिक लेप्रोस्कोपिक (दूरबीन) विधि से। दोनों ही विधियां सफल हैं।